एक नज़्म

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प्रेम है आधार जीवन का जहां में। जिसने पाया खूब पाया इस जहां में। और निस्बत है जिसे तन्हाइयों से फिर कहां वो चैन पाया इस जहां! प्रेम है जीवन की ...

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